गुरू नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) - 2023: एक आध्यात्मिक एकता और करुणा का उत्सव - Prayagraj Web Portal (प्रयागराज वेब पोर्टल)
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गुरू नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) - 2023: एक आध्यात्मिक एकता और करुणा का उत्सव

गुरू नानक जयंती - 2023: एक आध्यात्मिक उत्सव

गुरू नानक जयंती, सिख धर्म के एक प्रमुख पवित्र त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह उत्कृष्ट उत्सव पहले सिख गुरू और सिंधी समुदाय के गुरू के जन्म की स्मृति में होता है। गुरू नानक जयंती पवित्र त्योहार उत्साहपूर्ण भक्ति, आध्यात्मिक समारोहों और सिख धर्म की पवित्र पुस्तक गुरू ग्रंथ साहिब के भजनों के पाठ के साथ मनाया जाता है। आईये ! इस पवित्र गुरूपर्व की शुभ बेला में गुरू नानक देव से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानें -

गुरू नानक देव जी का जीवन - 

गुरू नानक जयंती का महत्व उनके जीवन और उनके विचारों को समझने में है। गुरू नानक देव जी का जन्म लगभग 1469 को तलवंडी ‘नानक साहिब’ में हुआ था। उनके पिता तलवंडी गांव में ही एक अकाउंटेंट थे। नानक की एक बड़ी बहन थी, जिनकी शादी 1475 में जय राम से हुई थी। 
नानक ने अपने जीवन के पहले वर्षो में अपनी बहन और बहनोई के साथ बिताए और 16 साल की आयु में दौलत खान लोदी के यहां काम करना शुरू किया। उनका विवाह 24 सितंबर 1487 को माता सुलक्कनी के साथ हुआ। गुरू नानक ने सिख धर्म की स्थापना की और उनके सिद्धांतों में आस्था, सामाजिक न्याय, ईमानदारी और समृद्धि के लिए प्रयास का महत्वपूर्ण सिद्धांत था। 
आज, सिख समुदाय गुरू नानक को अपने समुदाय की सर्वोच्च आध्यात्मिक शक्ति के रूप में पूजता है। गुरू नानक ने लगभग 974 भजनों का संग्रह किया।

गुरु नानक देव जी के उपदेश: 

गुरु नानक देव जी ने एक सर्वभौमिक दृष्टिकोण से सम्वेदना, प्रेम, सद्भावना, और सभ्यता का प्रचार किया। उनकी बानी, जैसे कि जपजी साहिब, मानव को एक सर्वोत्तम जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करती है। गुरु नानक देव जी ने समाजिक, धार्मिक, और राजनीतिक मामलों में नैतिक उद्धारण के लिए अपने अद्वितीय ज्ञान को व्यक्त किया।

सिख गुरु परंपरा: 

गुरु नानक देव जी के बाद, सिख समाज ने उनके अनुयायियों को अपने अनुयायी गुरुओं का चयन किया। गुरु अंगद देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी तक, गुरुओं ने सिख समाज को अध्यात्मिक ज्ञान, सेवा, और सम्वेदना में मार्गदर्शन किया।

गुरुद्वारा और लंगर: 

गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारे सजाए जाते हैं, जहाँ भक्त लोग गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे अर्दास करते हैं और कीर्तन सुनते हैं। लंगर, या समाजिक भोज, हर कोई समूहिक रूप से भाग लेने वाले व्यक्ति को भोजन प्रदान करता है। यह एक सम्वेदना भरा अनुभव है, जो समाज में एकता और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है।

समाजिक एकता और प्रेम: 

गुरु नानक जयंती का मूल उद्देश्य समाजिक एकता, सद्भावना, और प्रेम को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर लोग अलग-अलग धर्मों से आकर मिलते हैं और एक दूसरे के साथ प्रेम और सम्वेदना का इजहार करते हैं। यह एक आध्यात्मिक महोत्सव है जो सभी को एक साथ लाने का प्रयास करता है।

सेवा भावना: 

गुरु नानक देव जी ने सेवा को एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया। इस अवसर पर लोग गुरुद्वारों में सेवा करते हैं, लंगर का प्रबंध करते हैं, और अन्य समाजिक कार्यक्रमों में योगदान देते हैं। सेवा भावना के माध्यम से लोग एक दूसरे के लिए सहायता करते हैं और सम्वेदना का भाव बनाए रखते हैं।

गुरु नानक जयंती का विशेष महत्व: 

गुरु नानक जयंती का महत्व यह है कि यह एक आध्यात्मिक पर्व है जो एक अलग सम्वेदना और एक अनुयायी भावना को जगाता है। इस दिन, लोग गुरुओं की शिक्षाओं पर ध्यान देते हैं और अपने जीवन में उनके मूल्यों को अमल में लाने की प्रतिज्ञा करते हैं।
गुरु नानक जयंती एक ऐसा अवसर है जिसमें लोग एक दूसरे के साथ प्रेम और सद्भावना को बाँटते हैं और एक आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यह सिख समाज के लिए एक उत्सव है, जो समाजिक समृद्धि, एकता, और प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है।

गुरु नानक जयंती के इस अद्वितीय मौके पर, हम एक अनोखी कहानी सुनते हैं जो गुरु नानक देव जी और उनके शिष्यों के बीच हुई। 

गुरू नानक जयंती - 2023: एक आध्यात्मिक उत्सव

गुरु नानक देव जी एक बार अपने शिष्य के साथ जा रहे थे। एक गांव पहुच कर देखा की उस गाओं में नास्तिक विचारधारा के लोग रहते थे। वे साधुओ को ढोंगी समझते थे। गुरुनानक जब गांव में आए, तो उन्हें भी कटुवचन सुन्ना पड़ा, पर नानकदेव शांत ही रहे । दूसरे दिन जब वहां से रवाना होने लगे, तो लोग उनके पास आए और आशीर्वाद देने की बात कही । यह सुनकर नानक देव मुस्कुरा दिए और बोले, ''आबाद रहो'' और गुरुनानक वहां से विदा हो गए । 

गुरू नानक जयंती - 2023: एक आध्यात्मिक उत्सव

अगले दिन वह चलते चलते नजदीक के एक दूसरे गांव पहुचे । वहां लोगो ने उनका उचित सत्कार किया तथा रहने-खाने का उचित प्रबंध किया । नानक जी ने उनके समक्ष प्रवचन किया । प्रवचन समाप्ति के बाद लोगो ने उनसे आशीर्वाद देने का आग्रह किया , तो नानकदेव बोले, 'उजड़ जाओ' ।
शिष्य ने यह आशीर्वाद सुना, तो भौचक रह गया । उसकी समझ में कुछ नहीं आया । कुछ देर बाद उससे रहा नहीं गया और पूछ ही बैठा की , 'देव! आपने तो बड़े विचित्र आशीर्वाद दिए हैं। आपने आदर करने वालो को "उजड़  जाने" का आशीर्वाद दिया है, जबकि तिरिस्कार करनेवालो को "आबाद रहने का" । मेरी समझ में तो कुछ भी नहीं आया । कृपया स्पष्ट करें । 

गुरू नानक जयंती - 2023: एक आध्यात्मिक उत्सव

शिष्य के इस प्रकार पूछने पर नानक देव बोले, 'सज्जन लोग उजड़ेगे, तो वे जहां भी जायेगे, अपनी सज्जनता के कारण उत्तम वातावरण बना लगे, किन्तु दुर्जन यदि अपना स्थान छोड़े, तो वे जहां जायेगा, वही का वातावरण दूषित करेगे, इसलिए मैंने ऐसा आशीर्वाद दिया ।' शिष्य संतुष्ट होकर चरणों में झुक गया ।

गुरुनानक के 10 अनमोल विचार  :

गुरू नानक जयंती - 2023: एक आध्यात्मिक उत्सव

एक ओंकार सतिनामु करता पुरूखु 
निरभउ निरवैरू अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरू प्रसादि। 
आदि सच जुगादि सचु।
 है भी सचु नानक होसी भी सचु।
।। श्री गुरू ग्रन्थ साहबजी ।।

ईश्वर एक है अर्थात् अद्वितीय है सृष्टिकर्ता, अभय, निर्वैर और काल से परे है इसलिए नित्य है यानी सदा रहने वाला है, अयोनि है यानी जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त है, स्वंयभू ‘स्वयं प्रकट होने वाल‘ है और गुरू कृपा से ही उपलब्ध हो सकता है। वह प्रभु ‘वाहि गुरू‘ ही एक मात्र सत्य स्वरूप है। जब कुछ नहीं था तो भी उसकी सत्ता थी, चारों युगों से भी पूर्व यह विद्यमान था, आज भी है और भविष्य में भी उसी की सत्ता स्थिर रहेगी।

श्री गुरूनानक देवजी महाराज फ़रमाते हैं कि इस समस्त सृष्टि का रचियता ईश्वर एक है और उसके सिवा कोई और ईश्वर नहीं। वह कालातीत है यानी भूत, भविष्य और वर्तमान काल से परे है इसीलिए उसे ‘अकाल‘ और ‘महाकाल‘ भी कहा गया है। वह ईश्वर ‘सत‘ ‘सत्य‘ है क्योंकि तीनों काल में रहने वाला है, वह ईश्वर ‘श्री‘ ‘सुन्दर और परम ऐश्वर्यवान‘ है और वही ‘अकाल‘ ‘महाकाल यानी मित्र‘ है इसीलिए सत्यं, शिवं और सुन्दरं को ‘सत श्री अकाल‘ कहा गया है।

ऐसे परमेश्वर का जो निरन्तर सुमिरन ‘स्मरण‘ करे, ध्यान करे उसका कल्याण होता है, वह निहाल हो जाता है इसीलिए प्रेम से बोलिए -

जो बोले सो निहाल ! सत श्री अकाल !!

जिसे खुद पर विश्वास नहीं है, वह कभी भगवान पर  विश्वास नहीं कर सकता।

जिसे खुद पर विश्वास नहीं है, वह कभी भगवान पर 
विश्वास नहीं कर सकता।

नानक नाम जहाज है, चढे़ सो उतरे पार। तू ही मेरा राखिया, तू ही सिरजनहार ।।

नानक नाम जहाज है, चढे़ सो उतरे पार।
तू ही मेरा राखिया, तू ही सिरजनहार ।।

राज करेगा खालसा,  बाके रहें ना कोए। वाहेगुरू जी का खालसा वाहे गुरू जी की फतेह।।

राज करेगा खालसा, 
बाके रहें ना कोए।
वाहेगुरू जी का खालसा
वाहे गुरू जी की फतेह।।

गुरू नानक देव जी के अनुसार  परम पिता परमेश्वर एक हैं।

गुरू नानक देव जी के अनुसार 
परम पिता परमेश्वर एक हैं।

सदैव एक ही ईश्वर की  आराधना करों।

सदैव एक ही ईश्वर की 
आराधना करों।

ईश्वर सब जगह और  हर प्राणी में विद्यमान हैं।

ईश्वर सब जगह और 
हर प्राणी में विद्यमान हैं।

ईश्वर की भक्ति करने वाले को  किसी का भय नहीं रहता।

ईश्वर की भक्ति करने वाले को 
किसी का भय नहीं रहता।

ईमानदारी और मेहनत से  पेट भरना चाहिए।

ईमानदारी और मेहनत से 
पेट भरना चाहिए।

बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें  और न ही किसी को सताएं।

बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें 
और न ही किसी को सताएं।

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अभिनय सेठ, समकालीन समाचार, सूचना समाचार के साथ-साथ विशेष रूप से आध्यात्मिक लेखों के लिए प्रसिद्ध है। जिन्होन एक दर्जन से अधिक रजिस्टर्ड समाचार-पत्रों में अपनी सेवा प्रदान कर चुके हैं। पत्रकारिता जगत में विशेष ख्याति, निष्पक्ष संवाद, सप्ताहिक समाचार-पत्र के सम्पादकीय निदेशक के रूप में मिली। वर्तमान समय में अभिनय स्वतंत्र लेखन के साथ-साथ, निष्पक्ष संवाद के डिजिटल प्लेटफॉर्म Nshn.Today - Hindi News मे नई ताकतों को समझतेे हुए, डिजिटल मार्केंटिंग स्पेश्यलिस्ट की हैसियत से, डिजिटल क्रिएटर के रूप में कार्य कर रहे है।