प्रयागराज, 29 अप्रैल 2023 । आयुष्मान भारत-हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर क्षय रोगियों के चिन्हीकरण, जांच, उपचार, ट्रीटमेंट, एडहेरेन्स, निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत डी.बी.टी, काउन्सलिंग एवं मनोसामाजिक मदद दी जाती है। देश से क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2025 निर्धारित है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में आयुष्मान भारत- हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर की अहम भूमिका है।
क्षय रोग उन्मूलन के उद्देश्य के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शनिवार को मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में सीएचओ के चौथे बैच का प्रशिक्षण सत्र संपन्न हुआ। सत्र की शुरुआत प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अशोक चौरसिया , जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अरुण कुमार , अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सत्येन राय, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ निशा सोनकर की अध्यक्षता में हुई।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अरुण कुमार ने कहा कि टीबी एक संवेदनशील मुद्दा हैं और हमारी प्राथमिकता भी। इसका संक्रमण अन्य लोगों को संकमित कर लक्ष्य को पाने में बाधा बढ़ा रहा हैं और अब सीएचओ की भूमिका में आप सभी की पहुंच हर स्तर पर होगी और जल्द ही हम लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे | उन्होंने कहा, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेल्ल्नस सेंटर से छोटे से छोटे गांव में स्वास्थ्य विभाग की सुविधा होगी।
जिला कार्यक्रम समन्वयक क्षय रोग के एसके सैमसन ने प्रशिक्षक के तौर पर मौजूद सीएचओ को कार्यक्रम के उद्देश्य कार्यप्रणाली और दायित्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने टीपीटी (टीबी प्रिवेन्टिव ट्रीटमेंट ) कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस ट्रीटमेंट से लक्षण युक्त व्यक्ति के संकमित होने से पहले की दवा है।
यह टीबी संक्रमण से बचाएगी साथ ही यह दवा टीबी मरीज के साथ रहने वाले अत्यंत निकट सम्पर्की व्यक्तियों को भी दी जाएगी । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत पांच साल तक के बच्चो को प्रिवेशन की दवा पहले ही दी जा रही हैं। अब ये बड़ों को भी खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीज के साथ रहने वालों को भी मास्क व स्वच्छता का ध्यान न रख पाने के कारण टीबी संक्रमित हो सकते हैं।
सैमसन ने सीएचओ को उनके कार्यों के बारे में बताया कि सभी सीएचओ अपने क्षेत्र के तीन ऐसे स्थान का चयन करेगा। इसमें पिछले दो वर्षों में कोविड, टीबी, व एचआईवी के मरीज ज्यादा मिले हो तथा उनकी पुनः जाँच करना सुनिश्चित करेंगे।
आगे उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों के परिवारों की भी पहचान कर जांच की प्रक्रिया तेज की जाएगी। इसके तहत जनपद में टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले परिवार के सभी सदस्यों को टीबी रोग से मुक्त रखने के लिए टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट प्रारंभ किया जा रहा है।
एसके सैमसन ने कहा कि सीएचओ को आशा एएनएम के दवा विशेष दिवस एवं सामान्य दिनों में भी क्षेत्र विजित संबंधित सहयोग लेना होगा तभी टीबी फ्री पंचायतो का निर्माण किया जा सकेगा | साथ ही क्षेत्र से टीबी चैंपियन को चिन्हित कर आस पास के क्षेत्रों में जागरूकता करने के लिए सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।
आशा व एएनएम की सहायता से विगत दो वर्षों में टीबी के उपचारधीन लोगों को शिविर पर बुलाकर उनका पुनः स्वास्थ्य परीक्षण करना सुनिचित करेंगे। प्रशिक्षण में पीपीएम आशीष सिंह, धीरेन्द्र सिंह, टीबी कार्यक्रम स्टाफ एवं सीफर संस्था के सदस्य उपस्थित रहे |